
कैलाश गांव में 20 से अधिक घर डूबे, 40 गांव खतरे में; प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की
आगरा: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गया है, जिससे आगरा के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। नदी का पानी शहर और गांवों में घुसना शुरू हो गया है, जिससे लोगों के जीवन पर सीधा असर पड़ रहा है। कैलाश गांव में 20 से ज्यादा घरों में पानी भर गया है, जिसके कारण लोग छतों पर और ऊंचे स्थानों पर रहने को मजबूर हैं।
कई इलाकों में बाढ़ का पानी
कैलाश गांव की स्थिति सबसे गंभीर है, जहां घरों के अंदर तक पानी घुस गया है। यहां के निवासियों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ रहा है। इसके अलावा, दयालबाग के एक स्कूल का खेल का मैदान और कैलाश गांव का मंदिर क्षेत्र भी पानी में डूब गए हैं। नगला बूढ़ी, अमर विहार, बल्केश्वर और रामबाग बस्ती जैसे शहरी क्षेत्र भी जलभराव से प्रभावित हैं।
प्रशासन की तैयारियां और चेतावनी
बाढ़ के खतरे को देखते हुए, प्रशासन ने नदी में जाने और नावों के संचालन पर रोक लगा दी है। लगभग 40 गांव इस बाढ़ के खतरे के दायरे में हैं। प्रशासन ने करीब 500 परिवारों को विस्थापित करने की तैयारी की है, जिनमें से 50 परिवारों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि गोकुल बैराज से छोड़े गए 1,26,151 क्यूसेक पानी के कारण यमुना का जलस्तर सोमवार तक 500 फीट तक पहुंच सकता है।
धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर असर
यमुना के किनारे स्थित कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। पोइया घाट पर शमशान घाट पूरी तरह से डूब गया है, और अंतिम संस्कार के लिए कोई जगह नहीं बची है। वहीं, बल्केश्वर घाट पर स्थित काली भैरा मंदिर भी पानी में डूब गया है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ताजमहल से लगभग 100 मीटर दूर स्थित चंद्रशेखर पार्क में भी यमुना का पानी घुस गया है। यह दिखाता है कि पानी का दबाव कितना अधिक है और खतरा कितना गंभीर है।
लोगों के लिए प्रशासन की अपील
आगरा प्रशासन ने शहरवासियों से सुरक्षित रहने की अपील की है और कुछ महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं:
ज़रूरी कागजात और दवाइयां वॉटरप्रूफ बैग में रखें।
सूखे अनाज और जानवरों के चारे को ऊंचे स्थान पर रखें।
बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, और बुजुर्गों को बाढ़ शरणालयों में पहुंचाएं।
उबले हुए पानी का ही इस्तेमाल करें और बिजली का मुख्य स्विच और गैस रेगुलेटर बंद रखें।