मानवीय प्रयास से मिला नवजात को जीवन, वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक और कदम

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में वन विभाग और वन्यजीव संरक्षण संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस के संयुक्त प्रयास से एक दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है। इन दोनों टीमों ने मिलकर एक महीने के तेंदुए के बच्चे को उसकी माँ से सफलतापूर्वक मिला दिया है। यह पुनर्मिलन शनिवार देर शाम को हुआ, जब शावक को वाइल्डलाइफ एसओएस ट्रांजिट सुविधा में गहन पशु चिकित्सा देखभाल के बाद वापस जंगल में छोड़ा गया।

कैसे हुआ यह अनोखा पुनर्मिलन?

यह कहानी 22 अगस्त को शुरू हुई, जब आगरा के बाह वन क्षेत्र में वन विभाग की टीम को एक महीने का तेंदुआ शावक अकेला मिला। शावक को उसकी माँ से मिलाने के शुरुआती प्रयास विफल रहे। उसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वन विभाग की टीम ने 23 अगस्त की सुबह उसे वाइल्डलाइफ एसओएस की ट्रांजिट सुविधा में भेज दिया, जहाँ पशु चिकित्सकों ने उसकी देखभाल की।

उसी शाम, एक बार फिर से शावक को उसकी माँ से मिलाने का प्रयास किया गया। शावक को उसी जगह के पास एक सुरक्षित बक्से में रखा गया, जहाँ वह पहली बार मिला था। सभी की मेहनत रंग लाई और थोड़ी देर बाद ही मादा तेंदुआ अपने बच्चे को लेने आ गई। दोनों सुरक्षित रूप से झाड़ियों में चले गए, जिससे यह पुनर्मिलन सफल हो गया।

अधिकारियों और विशेषज्ञों ने क्या कहा?

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने इस सहयोग की सराहना करते हुए कहा, “यह पुनर्मिलन दिखाता है कि वन विभाग और संरक्षण संस्थाओं के बीच तालमेल कितना ज़रूरी है। इसमें शामिल लोगों की त्वरित कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया कि शावक सुरक्षित रूप से जंगल में लौट सके।

राजेश कुमार, आईएफएस, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, आगरा ने वन्यजीवों के प्रति जागरूकता को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “ऐसे पुनर्मिलन हमें याद दिलाते हैं कि वन्यजीव संरक्षण के लिए जागरूकता कितनी अहम है। वन विभाग और वाइल्डलाइफ एसओएस ने लोगों को जिम्मेदारी से काम करने के लिए प्रेरित किया है, और यह बढ़ती जागरूकता हमें और भी कई वन्यजीवों की जान बचाने में मदद करेगी।

“राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य परियोजनाओं की उप वन संरक्षक, आईएफएस चांदनी सिंह ने लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं। उन्होंने कहा, “लोगों के लिए यह ज़रूरी है कि अगर उन्हें कोई जंगली जानवर दिखे, तो वे शांत रहें और घबराने के बजाय वन विभाग को सूचित करें। तेंदुए और अन्य जंगली जानवर हमारे पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें पनपने के लिए जगह की ज़रूरत होती है।

“वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने वन विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “हम उत्तर प्रदेश वन विभाग के अथक प्रयासों और वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में वापस लाने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए आभारी हैं, जो राज्य में वन्यजीव संरक्षण के लिए एक सकारात्मक संदेश देता है।