
मथुरा में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न, टीबी उन्मूलन में निभाई जाएगी अहम भूमिका
मथुरा: टीबी (क्षय रोग) मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जनपद मथुरा के जिला क्षय रोग केंद्र पर एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में मांट, नौझील, गोवर्धन, बलदेव और फरह ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य स्तर पर टीबी के मरीजों की जल्द से जल्द पहचान करना, उनका सही इलाज सुनिश्चित करना और इस बीमारी के फैलाव को रोकना था।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एस. पी. राठौर ने की। इस दौरान, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आगरा क्षेत्रीय सलाहकार डॉ. मानस शर्मा, जिला पीपीएम समन्वयक आलोक तिवारी, और जिला कार्यक्रम समन्वयक शिव कुमार ने मिलकर सीएचओ को गहन प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान, सीएचओ को यह सिखाया गया कि वे कैसे संभावित टीबी रोगियों की पहचान करें, जांच के बाद रोग की पुष्टि कैसे करें, और मरीजों को सही इलाज कैसे उपलब्ध कराएं। साथ ही, उन्हें सरकार द्वारा टीबी मरीजों को प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
इसके अतिरिक्त, सीएचओ को टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) की प्रक्रिया, इसके लिए लाभार्थियों का चयन कैसे करें, और वर्तमान में चल रहे 100 दिवसीय सघन क्षय रोगी खोज अभियान की कार्ययोजना से भी अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि सीएचओ अपनी ओपीडी और कार्यक्षेत्र में अधिक से अधिक संभावित टीबी रोगियों की पहचान करें और उन्हें तुरंत जांच व इलाज के लिए संबंधित क्षय रोग केंद्रों पर भेजें।
इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिमांशु, सतीश, सोनू, अखिलेश दीक्षित, मुनीश, अर्जुन सहित सभी संबंधित ब्लॉकों के सीएचओ ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह प्रशिक्षण टीबी उन्मूलन की दिशा में एक सशक्त पहल है, जिसमें सीएचओ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।