
68 वर्षीय मरीज़ को मिली नई ज़िंदगी, तेज़ी से रिकवरी से बदली चिकित्सा की तस्वीर
आगरा – एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज के वरिष्ठ सर्जन प्रो. जे.पी.एस. शाक्य के नेतृत्व में सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने 68 वर्षीय मरीज़ गणेशी का दुर्लभ और जटिल दोनों ओर के इंगुइनल हर्निया का सफल लैप्रोस्कोपिक (दूर्वीन विधि) ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन आगरा में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की बढ़ती उपलब्धता और विशेषज्ञता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
गणेशी पिछले तीन महीनों से दोनों ओर ग्रोइन (वृक्क क्षेत्र) में सूजन की शिकायत के साथ SNMC की जनरल सर्जरी ओपीडी में आए थे। वर्षों से पेठे के कारखाने में भारी वज़न उठाने का काम करने के कारण उन्हें यह समस्या हुई थी। इस सफल ऑपरेशन के बाद, उन्हें मात्र तीन दिनों में पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जो लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की तेज़ी से रिकवरी क्षमताओं को दर्शाता है।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: पारंपरिक विधि से कहीं बेहतर
प्रो. जे.पी.एस. शाक्य ने बताया कि लैप्रोस्कोपिक विधि से किए गए ऑपरेशन में न्यूनतम दर्द, कम रक्तस्राव, तेज़ रिकवरी और बिना लंबे चीरे टांके की सुविधा होती है। इससे मरीज़ बहुत जल्दी सामान्य जीवन में लौट सकता है। उन्होंने हर्निया सर्जरी के दो प्रमुख तरीकों – ओपन और लैप्रोस्कोपिक – के बीच का अंतर भी समझाया:
ओपन सर्जरी: इसमें बड़ा चीरा लगाकर हर्निया को ठीक किया जाता है, जिसमें रिकवरी में 4-5 महीने लग सकते हैं। इस दौरान मरीज़ को भारी काम और सामान्य जीवन में लौटने से परहेज़ करना होता है।
लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: इसमें छोटे चीरे लगते हैं, दर्द और संक्रमण कम होता है, और मरीज़ मात्र 4-5 दिनों में ही काम पर लौट सकता है। यह तकनीक सुरक्षित, कम इनवेसिव और तेज़ी से ठीक होने वाली है।
सफल ऑपरेशन में टीम वर्क का कमाल
इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन की सफलता में एक कुशल टीम का योगदान रहा। सर्जरी टीम में प्रो. जे.पी.एस. शाक्य के साथ डॉ. फराज खान (सीनियर रेजिडेंट), डॉ. चंद्रजीत (जूनियर रेजिडेंट-3), डॉ. शिव कुमार (जूनियर रेजिडेंट-3), डॉ. संत बहादुर यादव (जूनियर रेजिडेंट-2), डॉ. प्रियंवदा और डॉ. नमन (जूनियर रेसिडेंट-1) शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सुप्रिया, डॉ. अनुभव (जूनियर रेज़िडेंट-3), डॉ. अभिषेक (जूनियर रेज़िडेंट-2), तथा डॉ. कीर्ति (जूनियर रेज़िडेंट-1) की सक्रिय भूमिका रही। एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा की एनेस्थीसिया टीम की तत्परता और दक्षता ने भी इस शल्यक्रिया को पूर्णतः सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
संस्थान की प्रतिबद्धता और भविष्य की दिशा
एस.एन. मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता ने सर्जरी एवं एनेस्थीसिया टीम की इस उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना की। उन्होंने विश्वास जताया कि संस्थान भविष्य में भी अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से आम जनमानस को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता रहेगा। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रशांत लावानिया का भी इसमें सहयोग रहा।
डॉ. गुप्ता ने दोहराया कि मेडिकल कॉलेज अब जटिल से जटिल ऑपरेशंस भी सफलतापूर्वक कर रहा है, जिससे आगरा और आसपास के मरीज़ों को सीधे तौर पर लाभ मिल रहा है। प्रो. डॉ. जे.पी.एस. शाक्य प्रत्येक शनिवार को जनरल सर्जरी ओपीडी संख्या-3 में मरीजों को परामर्श हेतु उपलब्ध रहते हैं।