नए नियमों से सुधरेगी यातायात व्यवस्था, अभिभावकों और छात्रों को राहत

आगरा,शहर की लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब स्कूलों के साथ-साथ अभिभावकों के वाहन भी विद्यालय परिसर में ही पार्क किए जाएंगे, जिससे स्कूल शुरू होने और छुट्टी के समय सड़कों पर लगने वाले भयंकर जाम से मुक्ति मिलने की उम्मीद है। यह पहल छात्रों, अभिभावकों और आम राहगीरों सभी के लिए राहत लेकर आएगी।

पुलिस की सख्ती और स्कूलों को मिले स्पष्ट निर्देश

आगरा पुलिस उपायुक्त (यातायात) अभिषेक अग्रवाल ने पुलिस लाइन मीटिंग हॉल में शहर के प्रमुख स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने साफ निर्देश दिए कि छुट्टी के समय सभी स्कूली वाहन एक साथ बाहर न निकलें। इसके बजाय, वाहनों को कुछ-कुछ अंतराल पर छोड़ा जाए ताकि एमजी रोड और शहर के अन्य मुख्य मार्गों पर वाहनों का अनावश्यक दबाव न बढ़े। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि स्कूल प्रबंधन अपने परिसरों में वाहनों की उचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित करें। इसमें न केवल स्कूली बसें बल्कि अभिभावकों के निजी वाहनों के लिए भी परिसर के भीतर ही स्थान निर्धारित किया जाना चाहिए।

फिटनेस सर्टिफिकेट और ओवरलोडिंग पर होगी कड़ी कार्रवाई

बैठक में स्कूल प्रबंधकों को वाहनों के रखरखाव और वैध दस्तावेजों को लेकर भी सख्त हिदायत दी गई। सभी स्कूल वाहनों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र और चालकों के सभी वैध दस्तावेज समय पर अपडेटेड होने चाहिए। चेतावनी दी गई है कि अधूरे कागजात वाले वाहनों के खिलाफ मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी। पुलिस उपायुक्त अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी स्कूली वाहन में क्षमता से अधिक बच्चे बिठाए गए या कोई चालक मादक पदार्थ के सेवन में लिप्त पाया गया, तो उसे गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।

ट्रैफिक वालंटियर और सुरक्षा गार्ड होंगे तैनात

यातायात पुलिस ने स्कूलों को अपने परिसरों में ट्रैफिक वालंटियर और सुरक्षा गार्ड तैनात करने का भी सुझाव दिया है। इससे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और वाहनों की आवाजाही को बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकेगा।

मेट्रो निर्माण के बीच ट्रैफिक सुधार की दिशा में अहम कदम

मेट्रो निर्माण के चलते आगरा की यातायात व्यवस्था पहले से ही चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। ऐसे में यह निर्णय स्कूल समय के दौरान होने वाले अत्यधिक ट्रैफिक दबाव को कम करने और सड़क दुर्घटनाओं की संभावनाओं को घटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कदम माना जा रहा है। इस पहल से शहर में सुगम और सुरक्षित यातायात की उम्मीद जगी है।