
10 दिवसीय गणेश उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से, आगरा में भी दिख रहा है उत्साह
आगरा: देवों में प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का महापर्व गणेश चतुर्थी इस साल 27 अगस्त को मनाया जा रहा है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश के जन्म की मान्यता के चलते यह दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन से 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव की शुरुआत होती है, जो 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ संपन्न होता है।
इस साल की गणेश चतुर्थी को कई शुभ योगों का साथ मिल रहा है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। इस दिन शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं, जिससे भक्तों को पूजा का विशेष लाभ मिलेगा। इसके अलावा, हस्त नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र का भी संयोग है।
गणेश चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
ज्योतिषियों के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से गणपति की कृपा से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:57 बजे से 6:04 बजे तक।
रवि योग: सुबह 5:57 बजे से शाम 4:00 बजे तक।
शुक्ल योग: दोपहर 12:35 बजे के बाद।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक। मूर्ति स्थापना के लिए यह समय सबसे उत्तम है।
अन्य शुभ मुहूर्त: दोपहर 1:39 बजे से शाम 6:05 बजे तक।
मूर्ति स्थापना के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है, जबकि रात में मूर्ति स्थापना या पूजा करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
तैयारियों में डूबा आगरा
वैसे तो गणेश उत्सव मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, लेकिन अब इसकी धूम पूरे देश में फैल चुकी है। आगरा में भी जगह-जगह गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के लिए पंडाल तैयार किए गए हैं। भक्तों में प्रतिमा खरीदने का उत्साह देखते ही बन रहा है।कमलानगर के गणेश चौक पर स्थापित की जाने वाली आगरा की सबसे ऊंची प्रतिमा को क्रेन से लाया गया, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इन सभी तैयारियों को देखकर साफ है कि इस साल का गणेश उत्सव आगरा में भी धूमधाम से मनाया जाएगा।