ड्राइड ब्लड स्पॉट’ तकनीक पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया, ताकि नवजात शिशुओं की HIV जांच में सटीकता बढ़े

आगरा। आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (UPSACS) के तहत स्थापित स्टेट रेफरेंस लैबोरेटरी (SRL) द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य HIV टेस्टिंग की गुणवत्ता को बढ़ाना और लैब टेक्नीशियनों को नई तकनीकों से अवगत कराना था। इस कार्यक्रम में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और हाथरस जिलों के 25 से अधिक ICTC और PPTCT लैब के टेक्नीशियन शामिल हुए।

कार्यशाला का उद्घाटन प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. प्रशांत गुप्ता और सह-प्रधानाचार्य डॉ. टी.पी. सिंह ने दीप प्रज्वलन करके किया। इस अवसर पर प्रभारी अधिकारी डॉ. आरती अग्रवाल ने HIV पॉजिटिव माताओं के नवजात शिशुओं की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाली DBS (Dried Blood Spot) तकनीक और उससे जुड़ी राष्ट्रीय गाइडलाइंस पर विस्तार से जानकारी दी। प्रतिभागियों को DBS सैंपल कलेक्शन की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी दी गई, जिससे वे इसे बेहतर तरीके से समझ सकें।

गुणवत्ता और सटीकता पर जोर

वर्कशॉप में नोएडा स्थित नेशनल रेफरेंस लैब (NRL) से प्राप्त प्रोफिशिएंसी पैनल सैंपल भी बांटे गए, ताकि टेस्टिंग लैब्स की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जा सके। माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने सभी लैब टेक्नीशियनों को संबोधित करते हुए HIV टेस्टिंग में गुणवत्ता और सटीकता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लैब टेक्नीशियन का काम बहुत महत्वपूर्ण है और उन्हें हमेशा उच्च-स्तरीय सेवाएं प्रदान करनी चाहिए।

इस कार्यशाला को सफल बनाने में डॉ. रेनू अग्रवाल, डॉ. विकास कुमार, डॉ. प्रज्ञा शाक्य, डॉ. पारुल गर्ग, डॉ. प्रीति, सुश्री अंकिता सोनी, श्री बंटी सिंह चाहर, श्री प्रकाश गौतम, श्री देवेश और श्री रविंद्र जैसे कई अधिकारियों और स्टाफ सदस्यों का योगदान रहा।