एक प्रेरणादायक यात्रा: पिता की कर्मभूमि में बेटे ने पाया विशिष्ट स्थान

कानपुर: अक्सर नियति के खेल भी अप्रत्याशित खुशियाँ देते हैं, और ऐसा ही कुछ हुआ कानपुर के डॉ. रोहित सक्सेना के साथ। जिस रेल मंत्रालय में उनके पिता, भगवत प्रसाद, ने अपना पूरा जीवन एक कर्मचारी के रूप में समर्पित कर दिया, आज उसी मंत्रालय के सलाहकार बोर्ड में डॉ. रोहित सक्सेना को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। यह उनके लिए एक अविस्मरणीय क्षण है और उनके पिता के वर्षों के समर्पण का फल।

भगवत प्रसाद ने अपने छोटे बेटे डॉ. रोहित सक्सेना को शिक्षित और सक्षम बनाने के लिए अथक परिश्रम किया। डॉ. रोहित सक्सेना का शुरुआती जीवन एक सफल खिलाड़ी के रूप में बीता। इसके बाद उन्होंने मीडिया जगत में प्रवेश किया, जहाँ उन्होंने सबसे निचले पायदान से शुरुआत कर सीईओ और ग्रुप सीईओ जैसे शीर्ष पदों तक का सफर तय किया। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाने के बाद, उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हिस्सा बने।

अपने 22 वर्षों के मीडिया करियर में, डॉ. रोहित सक्सेना ने खेल, खेल संघों और मीडिया व मनोरंजन कौशल परिषद में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएँ दीं। राजनीति में आने के बाद, उन्होंने पिछले पाँच वर्षों में एक जनता के नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। अब, उनका यह पद ग्रहण करना उनके लिए और उनके परिवार के लिए गौरव का विषय है।

डॉ. रोहित सक्सेना की असाधारण यात्रा यह भी बताती है कि कैसे समर्पण, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनकी यह उपलब्धि कई युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी।