कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राजू के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, राज्यपाल ने दी बधाई

बाँदा,बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (BUAT), बाँदा ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा किए गए मूल्यांकन में प्रतिष्ठित ‘ए’ ग्रेड प्राप्त कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण है और उत्तर प्रदेश के चार कृषि विश्वविद्यालयों में से यह दूसरा विश्वविद्यालय है जिसने यह उच्च ग्रेड प्राप्त किया है।विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के तहत कार्यरत NAAC समिति ने बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में संचालित शिक्षा, शोध, प्रसार तथा छात्रों के बेहतर करियर के लिए चलाए जा रहे क्रियाकलापों का गहन मूल्यांकन किया, जिसके उपरांत विश्वविद्यालय को ‘ए’ ग्रेड से नवाजा गया। इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल और कुलाधिपति, श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राजू, NAAC हेतु गठित पीयर टीम, शिक्षकों, अधिकारियों और विद्यार्थियों को इस सफलता के लिए सराहा। राज्यपाल महोदया ने आशा व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय भविष्य में भी अकादमिक उत्कृष्टता, शोध, नवाचार और समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा।

कुलपति की प्राथमिकता और अथक प्रयास

कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राजू ने NAAC द्वारा विश्वविद्यालय को उच्च ग्रेड दिलाना अपनी प्राथमिकता बताया था। कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही उन्होंने सभी समिति सदस्यों के साथ निरंतर बैठकें कीं, योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया, उत्कृष्ट संस्थानों का भ्रमण किया और विभिन्न गतिविधियों व कार्यों का मूल्यांकन व सुधार सुनिश्चित किया। उनके प्रयासों और पूर्व में चल रहे कार्यों की प्रगति के अवलोकन ने इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। परिणामस्वरूप, विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान मिली है।

बुंदेलखंड के किसानों को सशक्त बनाना

वर्ष 2010 में बुंदेलखंड की कृषि के समग्र विकास के लिए स्थापित बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अपनी गतिविधियों से लगातार सार्थकता सिद्ध कर रहा है। यह विश्वविद्यालय किसानों के आर्थिक स्वावलंबन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ‘ए’ ग्रेड मिलने से विश्वविद्यालय में शिक्षा के लिए स्थानीय छात्रों के साथ-साथ दूर-दराज के राज्यों के विद्यार्थियों का भी आकर्षण बढ़ेगा, जिससे कृषि शिक्षा को और बढ़ावा मिलेगा।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रमाण

NAAC द्वारा श्रेष्ठ ग्रेड से प्रमाणित होने के बाद कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राजू ने इस परिणाम को सभी शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक स्टाफ और छात्र-छात्राओं के साथ साझा किया। प्रो. राजू ने बताया कि यह मान्यता विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, छात्रों के उज्ज्वल भविष्य और उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि तथा किसानों में कृषि तकनीकों को अपनाने में सफलतम प्रयासों का परिणाम है।उन्होंने आगे बताया कि बुंदेलखंड परिक्षेत्र के सभी जिलों के किसानों और अन्य कृषि-संबंधित हितधारकों के लिए नवीनतम तकनीकों के प्रसार और उद्देश्यपरक विकास हेतु कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) लगातार प्रयासरत हैं। प्रो. राजू ने जोर दिया कि NAAC द्वारा ‘ए’ ग्रेड मान्यता उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के उच्च मानक को दर्शाती है, जिससे विश्वविद्यालय और इसमें अध्ययनरत छात्रों व शोधार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलता है। यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है और यह भी दर्शाता है कि संस्थान शिक्षा के बाद छात्रों की रोजगार क्षमता में वृद्धि और उनके करियर हेतु नए अवसरों को भी बढ़ावा दे रहा है।

सात मानदंडों पर हुआ मूल्यांकन

कुलपति ने जानकारी दी कि NAAC मूल्यांकन समिति ने विश्वविद्यालय को कुल सात मानदंडों पर मूल्यांकित कर ग्रेड प्रदान किया। ये मानदंड थे: पाठ्यक्रम/पाठ्यचर्या, शिक्षण, अधिगम और मूल्यांकन, अनुसंधान नवाचार व विस्तार, बुनियादी ढाँचा और शिक्षण संस्थान, छात्र सहायता और प्रगति, शासन नेतृत्व व प्रबंधन और संस्थागत मूल्य व सर्वोत्तम प्रथाएँ। समिति ने इन सभी मानदंडों पर भौतिक रूप से सत्यापन किया, दस्तावेजों की जाँच की और अवलोकन किया।प्रो. राजू ने कहा, “विश्वविद्यालय को NAAC द्वारा ‘ए’ ग्रेड प्राप्त करना केवल एक मील का पत्थर ही नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास, समर्पण और दूरदर्शिता का प्रमाण है जो विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों द्वारा प्रदर्शित किया गया है।” उन्होंने इस उपलब्धि को प्राप्त करने में पूर्व कुलपतियों द्वारा दिए गए अथक प्रयासों और मार्गदर्शन के लिए भी आभार व्यक्त किया।

भविष्य की योजनाएं और चुनौतियाँ

प्रो. राजू ने विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी को अपनाने हेतु छात्रों को दक्ष बनाना, छात्रों के लिए डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन मूल्यांकन और डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने परिणाम-आधारित शिक्षा, पाठ्यक्रम व छात्र उपलब्धि मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित करने, शोध व नवाचार में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाने, शोध केंद्रों को मजबूती प्रदान कर क्षेत्रानुकूल फसलों की उच्च उत्पादन वाली नवीन किस्मों के विकास, उच्च गुणवत्ता के बीजों का उत्पादन, शोध परियोजनाओं को बढ़ावा देने और शोध में संकाय व छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने को आवश्यक कदम बताया।उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र के अनुकूल राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध संस्थानों से समझौता ज्ञापन (MoU) कर यहाँ की कृषि को समृद्ध एवं लाभकारी बनाने के सार्थक प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालय में पशुपालन एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसके संचालित होते ही इस क्षेत्र में पशुधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति होगी। साथ ही, नवीन संचालित खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय इस विश्वविद्यालय की दृश्यता में और वृद्धि कर भविष्य में इसे ‘ए++’ ग्रेड दिलाने में सहायक साबित होगा।कुलपति महोदय ने बताया कि छात्रों हेतु करियर परामर्श, छात्र कल्याण हेतु प्रभावी व आवश्यक कदम, अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ छात्र व संकाय विनिमय कार्यक्रम को बढ़ावा देना, संस्थान के सतत विकास हेतु पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को अपनाने की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।प्रो. राजू ने यह भी स्वीकार किया कि भविष्य में हमें आगे बढ़ने हेतु कमजोरियों को चुनौती के रूप में स्वीकार करना होगा। इसके लिए नए मानदंडों को समझना, तदनुसार आगे बढ़ना, वित्त निवेश की आवश्यकताएं, संकाय सदस्यों के लिए संसाधनों एवं नई परिकल्पनाओं से जोड़ना, सीमित संसाधन और युवाओं में कृषि के प्रति रुझान विकसित करना हमारी प्रमुख चुनौतियां होंगी।

सभी का आभार

कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राजू ने इस मान्यता हेतु प्रदेश की माननीय राज्यपाल और कुलाधिपति, श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के निरंतर मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही, राजभवन के अपर मुख्य सचिव, डॉ. सुधीर एम. बोबड़े और कुलाधिपति के विशेष कार्याधिकारी, प्रो. पंकज एल. जानी से भी मिले मार्गदर्शन को सराहा। उन्होंने विश्वविद्यालय के माननीय प्रबंध परिषद के सम्मानित सदस्यों के प्रति उनके उच्च कोटि के अकादमिक वातावरण में सतत सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।प्रो. राजू ने विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक और पुरातन छात्रों के योगदान को भी सराहा और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. एस.के. सिंह ने सभी का अभिवादन किया और NAAC प्रक्रिया में जुड़ने से लेकर अब तक के सफर को साझा किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, निदेशकगण, अधिष्ठातागण, प्राध्यापकगण, शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।