
आगरा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोमवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा, जिसमें एक से 19 साल तक के 21 लाख बच्चों और किशोर-किशोरियों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाना और उनके शारीरिक व मानसिक विकास को सुनिश्चित करना है।
कृमि संक्रमण से बचाव और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार पर जोर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर बच्चों को दवा खिलाएंगी। जो बच्चे सोमवार को दवा नहीं खा पाएंगे, उन्हें 14 अगस्त को होने वाले मॉपअप राउंड में कवर किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पेट में कीड़े होने के कारण बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) और कुपोषण की समस्या हो जाती है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है।
दवा खाने से पहले और बाद में ध्यान रखने योग्य बातें
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि इस अभियान में 21 लाख बच्चों को दवा दी जाएगी। सोमवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक से पांच साल तक के बच्चों को दवा देंगी, जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों में छह से 19 साल तक के बच्चों को शिक्षकों की मदद से दवा खिलाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि दवा को चबाकर खाना है और इसे टीम की देखरेख में ही खिलाया जाएगा। किसी भी बच्चे या परिजन को दवा घर ले जाने के लिए नहीं दी जाएगी।
सभी बच्चों को कवर करने का लक्ष्य
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के नोडल अधिकारी डॉ. ऋषि गोपाल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच साल के बच्चों के अलावा, स्कूल न जाने वाले और ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से दवा दी जाएगी। वहीं, स्कूल जाने वाले बच्चों को उनके शिक्षकों की मदद से और किशोर जुवेनाइल होम में रहने वाले बच्चों को अधीक्षक के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक डॉ. विजय सिंह ने बताया कि एक से दो साल तक के बच्चों को अल्बेंडाजोल की आधी गोली और दो से 19 साल तक के बच्चों व किशोरों-किशोरियों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जाएगी, जबकि बड़े बच्चे इसे चबाकर खा सकेंगे। कृमि संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता बनाए रखना, साफ पानी पीना और स्वच्छ भोजन करना भी आवश्यक है।