
आगरा, भारत – बुधवार को आगरा में सुबह से शुरू हुई बूंदाबांदी ने दोपहर में अपना विकराल रूप दिखाया। दोपहर 3 बजे अचानक काली घटाएं छा गईं, जिससे दिन में ही अंधेरा हो गया और शहर के कई हिस्सों में झमाझम बारिश शुरू हो गई। इस तेज बारिश से शहर में कम से कम 20 स्थानों पर जलभराव हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बेसमेंट मार्केट में भरा पानी:
दुकानदारों को नुकसानशहर के ट्रांसयमुना स्थित एक बेसमेंट मार्केट में पानी भर गया, जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ। अचानक हुई बारिश ने दुकानदारों को संभालने का मौका नहीं दिया और उनका सामान पानी में डूब गया। जलभराव की यह स्थिति शहर की जल निकासी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
बारिश के साथ-साथ यमुना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यमुना नदी का खतरे का निशान 495 फीट है, जबकि वर्तमान में आगरा में इसका जलस्तर 497 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 2 फीट ऊपर है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 5 सितंबर तक यह 500 फीट तक पहुंच सकता है।
बाढ़ का खतरा: प्रशासन अलर्ट पर
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के गुरुवार रात या शुक्रवार सुबह तक आगरा पहुंचने की संभावना है। इससे यमुना का जलस्तर और बढ़ेगा और 499 फीट के खतरे के निशान को पार कर सकता है। प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए पूरी तैयारी कर ली है और नदी किनारे बसे लोगों को अपने मकान खाली करने के निर्देश दिए गए हैं।
डौकी क्षेत्र के मेहरा नाहरगंज गांव में पानी घुसने के कारण 20 मकानों को खाली कराया गया है और प्रभावित परिवारों को पास के प्राथमिक विद्यालय में सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। गोकुल बैराज से भी पिछले 24 घंटों में करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे वाटर वर्क्स पर जलस्तर 497 फीट पर पहुंच गया है।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश होने की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। लोग और प्रशासन, दोनों ही इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार हैं।