भविष्य के शैक्षणिक संस्थानों के लिए छात्रों का ऐतिहासिक योगदान, कॉलेज की जमीन हुई सुरक्षित

आगरा, उत्तर प्रदेश — आगरा कॉलेज में एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल देखने को मिली, जहाँ बड़ी संख्या में छात्रों-छात्राओं ने कॉलेज की भूमि को सुरक्षित करने के लिए श्रमदान किया। प्राचार्य निवास के पीछे और नालबंद चौराहे के पास स्थित ज़मीन पर बाउंड्री वॉल के निर्माण कार्य में विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस सामूहिक प्रयास ने न केवल कॉलेज की बहुमूल्य संपत्ति को सुरक्षित किया, बल्कि भविष्य के लिए कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थानों की नींव भी रखी।

छात्रों का उत्साह: श्रमदान, विकास और गौरव का प्रतीक

विभिन्न संकायों के छात्रों ने इस कार्य को ‘कार सेवा’ मानकर इसमें अपना योगदान दिया। फावड़े और तसले लेकर, उन्होंने मिट्टी उठाई और बाउंड्री वॉल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका उत्साह देखते ही बनता था। इस दौरान छात्रों ने कहा कि अपने कॉलेज के विकास कार्य में प्रत्यक्ष रूप से योगदान देना उनके लिए गर्व की बात है। यह श्रमदान केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि छात्रों और कॉलेज के बीच एक मजबूत जुड़ाव का प्रतीक है।

भविष्य की योजनाएं: नई पहचान की ओर अग्रसर आगरा कॉलेज

कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर सी. के. गौतम, ने बताया कि इस भूमि को सुरक्षित करने का मुख्य उद्देश्य यहाँ कई नए शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करना है। उन्होंने बताया कि इस ज़मीन पर परीक्षा भवन, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन संस्थान, सामाजिक न्याय अध्ययन पीठ, प्राच्य भारतीय भाषा एवं संस्कृति अध्ययन पीठ, विदेशी भाषा अध्ययन संस्थान, और अकादमिक स्टाफ कॉलेज बनाने का प्रस्ताव है। प्रो. गौतम ने कहा कि इन संस्थानों की स्थापना से कॉलेज की शैक्षणिक पहचान और भी मजबूत होगी, जिससे छात्रों के लिए नए अवसरों के द्वार खुलेंगे।उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्य के लिए सहयोग देने हेतु उच्च शिक्षा मंत्री, श्री योगेंद्र उपाध्याय, के प्रति आभार व्यक्त किया।

अतिरिक्त सुरक्षा और शिक्षकों का सहयोग

निर्माण कार्य के दौरान प्रशासन और पुलिस का विशेष सहयोग रहा, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सका। मौके पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी ताकि कोई भी अराजक तत्व परिसर में प्रवेश न कर पाए। इस दौरान प्राचार्य प्रो. गौतम के साथ प्रो. पी. बी. झा, प्रो. भूपाल सिंह, प्रो. शशिकांत पांडे समेत कॉलेज के अनेक प्राध्यापकगण, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।