अतिक्रमण पर लगाम लगाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा यह कदम

आगरा, उत्तर प्रदेश: ताज नगरी आगरा के प्रतिष्ठित आगरा कॉलेज की लगभग 340 बीघा भूमि के संरक्षण का एक महत्वपूर्ण अध्याय आज से शुरू हो गया है। कॉलेज की इस विशाल भूमि को सुरक्षित करने के लिए बहुप्रतीक्षित बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ किया गया है। यह कदम कॉलेज की ऐतिहासिक धरोहर को भविष्य में सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।

कॉलेज प्रशासन की वर्षों की मेहनत और कानूनी प्रक्रिया के बाद, प्राचार्य प्रो. सी. के. गौतम ने स्वयं नालबंद चौराहे के पास स्थित उस भूमि पर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया, जहाँ बाउंड्री पहले से क्षतिग्रस्त थी। इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिए कॉलेज के शिक्षक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

प्रशासन का मिला पूर्ण सहयोग

कॉलेज की भूमि पर वर्षों से चल रहे अतिक्रमण को देखते हुए, कॉलेज प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में बाउंड्री वॉल निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया। इससे पहले, राजस्व विभाग से भूमि के स्वामित्व संबंधी सभी अभिलेखों का सत्यापन करवाया गया। इसके बाद ही, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त के आदेश पर निर्माण कार्य की अनुमति मिली।

आज निर्माण कार्य की शुरुआत भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी में हुई। जेसीबी मशीनों ने बाउंड्री की नींव खोदने का काम शुरू किया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान पुलिस प्रशासन ने कॉलेज प्रशासन को सुरक्षा प्रदान की, जिससे कार्य शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। शाम तक, तीन जेसीबी मशीनें तेजी से नींव खोद रही थीं।

द्विशताब्दी वर्षगांठ की नई सौगातें

यह बाउंड्री वॉल निर्माण कॉलेज की द्विशताब्दी वर्षगांठ पर घोषित नौ नई परियोजनाओं में से एक है। इन सभी परियोजनाओं को मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय द्वारा स्वीकृति मिल चुकी है। इन परियोजनाओं के तहत, कॉलेज की भूमि पर अत्याधुनिक शैक्षणिक संस्थान और सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।

इनमें सबसे खास है बहुमंजिला “द्विशताब्दी वर्ष आचार्य चाणक्य परीक्षा भवन”, जहाँ एक साथ 3 से 4 हजार विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे। इसके अलावा, एक हजार विद्यार्थियों की क्षमता वाला एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा केंद्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की भी स्थापना की जाएगी।

क्या कहते हैं प्राचार्य?

प्राचार्य प्रो. सी. के. गौतम ने इस अवसर पर कहा, “कॉलेज की भूमि की सुरक्षा और सौंदर्यीकरण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बाउंड्री वॉल के निर्माण के बाद छात्रों के हित में कई विकास योजनाएं शुरू की जाएंगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं और दस्तावेजों की जांच के बाद ही यह कार्य शुरू किया गया है, जिसे शासन और जिला प्रशासन की पूर्ण अनुमति प्राप्त है। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

स्टाफ क्लब के सचिव प्रो. विजय सिंह और उनकी टीम ने भी प्राचार्य के इस ऐतिहासिक प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्य कॉलेज की गौरवशाली विरासत को हमेशा के लिए सुरक्षित रखने में सहायक होगा।

अतिक्रमण पर होगी सख्त कार्रवाई

प्राचार्य ने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि शेष भूमि पर भी अतिक्रमण हटाया जाएगा और नाले के पार स्थित अवैध भवनों को भी कानूनी प्रक्रिया के तहत कॉलेज के नियंत्रण में लाने का प्रयास किया जाएगा।

इस ऐतिहासिक मौके पर उप-प्राचार्य प्रो. पी. बी. झा सहित कॉलेज के सभी वरिष्ठ शिक्षक, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।