
संपत्ति विवाद बना खूनी खेल की वजह, मास्टरमाइंड भाई-भतीजा निकले
आगरा, किरावली थाना क्षेत्र में हुए सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने महज 24 घंटे के भीतर खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मृतक कृष्णपाल उर्फ केपी के बड़े भाई और भतीजे सहित दो अन्य शामिल हैं। यह खूनी वारदात पैतृक संपत्ति विवाद का नतीजा थी, जिसमें मृतक का बड़ा भाई और भतीजा ही मुख्य साजिशकर्ता निकले। इस उल्लेखनीय सफलता के लिए पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।
क्या हुआ था?
सोमवार सुबह पुरामना गांव के पास नहर किनारे दो शव मिलने से हड़कंप मच गया था। मृतकों की पहचान अरदाया, अछनेरा निवासी 38 वर्षीय नेत्रपाल पुत्र चंद्रभान और कृष्णपाल उर्फ केपी पुत्र लालाराम के रूप में हुई। दोनों के सिर पर धारदार हथियार से गहरे घाव के निशान थे, जबकि नेत्रपाल के हाथ-पैर बंधे हुए थे। मौके से गुटखा, शराब, डिस्पोजल ग्लास और पानी के पाउच भी बरामद हुए थे, जिससे लग रहा था कि वारदात से पहले यहां कोई पार्टी हुई थी।
कैसे सुलझा मामला?
पुलिस ने इस दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए तुरंत अपनी टीमें लगा दी थीं। शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि कृष्णपाल उर्फ केपी का अपने बड़े भाई अजयपाल से पैतृक संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते अजयपाल ने अपने बेटे बाबूलाल के साथ मिलकर कृष्णपाल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी।
पुलिस ने रात में केपी के भतीजे बाबूलाल को हिरासत में लिया और गहन पूछताछ की। बाबूलाल ज्यादा देर तक पुलिस के सामने टिक नहीं पाया और उसने पूरी सच्चाई उगल दी।
साजिश का खुलासा
डीसीपी अतुल शर्मा ने बताया कि अजयपाल और कृष्णपाल के बीच पैतृक संपत्ति को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा था। इस मामले को सुलझाने के लिए कई बार पंचायतों का आयोजन भी किया गया, लेकिन अजयपाल पंचायत के फैसलों को मानने को तैयार नहीं था। इसी जिद्द ने उसे हत्या की साजिश रचने पर मजबूर किया।
डीसीपी ने आगे बताया कि अजयपाल ने खुद फोन करके कृष्णपाल को बुलाया था। मौके पर पहले से ही बाबूलाल और गांव के मनीष और धनिष मौजूद थे। जैसे ही केपी अपने साथ नेत्रपाल को लेकर पहुंचा, हमलावरों ने उन पर पहले फायर किया, लेकिन दोनों बच गए। इसके बाद, हत्यारों ने लोहे की रॉड से दोनों के सिर पर वार किए, जिससे वे लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े।
डीसीपी शर्मा ने यह भी बताया कि नेत्रपाल एक हिस्ट्रीशीटर था और उसके खिलाफ किरावली थाने में कई मामले दर्ज थे। हालांकि, हत्यारों का नेत्रपाल को मारने का कोई इरादा नहीं था, वह तो कृष्णपाल के साथ होने की वजह से मारा गया। उन्होंने यह भी बताया कि मनीष और धनिष को हत्या को अंजाम देने के लिए कुछ पैसे भी दिए गए थे। इस खुलासे से आगरा पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है।