: निर्माण की गति पर नियमित निगरानी, यातायात प्रबंधन के लिए 75 से ज़्यादा ट्रैफिक मार्शल तैनात

आगरा। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। यूपी मेट्रो द्वारा एमजी रोड पर जल्द से जल्द पाइलिंग कार्य पूर्ण करने हेतु 9 रिग मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। आगरा मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे कॉरिडोर में निर्माण कार्य के चलते दैनिक यात्रियों की सुविधा और यातायात पर दीर्घकालिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए कार्य तेजी से किया जा रहा है। एमजी रोड के गढ्ढों को भी दुरुस्त किया जा रहा है।

बता दें कि निर्माण कार्य के दौरान सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए दूसरे कॉरिडोर पर निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए यूपी मेट्रो द्वारा एमजी रोड पर ट्रैफिक मार्शल की तैनाती सहित अन्य जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही बारिश के दौरान सड़क पर हुए गङ्ढों को निरंतर भरकर ट्रैफिक को सुचारू रखने का प्रयास किया जा रहा है।

75 से अधिक ट्रैफिक मार्शलों की तैनाती

सुचारू यातायात आवागमन सुनिश्चित करने हेतु यूपी मेट्रो द्वारा एमजी रोड पर 75 से अधिक ट्रैफिक मार्शलों की तैनाती की गई है। एमजी रोड पर जाम जैसी स्थितियों से बचने एवं यातायात की स्थिति की निगरानी के लिए नियमित अंतराल पर ट्रैफिक मार्शलों को तैनात किया गया है।

एमजी रोड पर मेट्रो के निर्माण स्थलों के आसपास ट्रैफिक मार्शलों की चौबीसों घंटे उपलब्धता सुगम यातायात के आवागमन को सुनिश्चित करेगी।

समय पर काम पूरा करने को 9 रिग मशीनें

यूपी मेट्रो द्वारा आगरा मेट्रो प्रायोरिटी कॉरिडोर में तय समय से 6 महीने पहले ही यात्री सुविधाओं का शुभारंभ किया जा चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपीएमआरसी दूसरे कॉरिडोर पर भी रिकॉर्ड समय में विश्व स्तरीय मेट्रो प्रणाली देने की अपनी विरासत को जारी रखेगा। एमजी रोड जैसे प्रमुख मार्ग पर पाइलिंग का काम समय पर पूरा करने के लिए 9 मशीनें लगाई गयीं हैं, जो इस भाग में तेजी से कार्य कर रही हैं। निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा और जल्द से जल्द यातायात को सुचारू किया जाएगा। साथ ही जहां भी संभव हो सड़कों को चौड़ा किया जाएगा।

इसके साथ ही एमजी रोड पर राहगीरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, बैरिकेडिंग पर निरंतर रोप एलईडी लाइट्स सहित फ्लैशर लाइट्स एवं रिफ्लेक्टर टेप आदि का प्रयोग किया गया है। साथ ही बारिश के दौरान सड़क पर हुए गङ्ढों को निरंतर भरकर ट्रैफिक को सुचारू रखने का प्रयास किया जा रहा है।