आगरा। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते चंबल नदी में उफान लगातार जारी है। चंबल खतरे के निशान से ऊपर बहने से आसपास के गांवों में पानी घुसने लगा है। चंबल किनारे बसे गांवों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू कर दिया है। इधर आज जिलाधिकारी ने पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए।

लगातार भारी बारिश के चलते राजस्थान के कोटा बैराज और बंनास नदी बांध से बड़ी मात्रा में छोड़ गए पानी से चंबल नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। पिनाहट घाट पर लगे क्यूसेक मीटर पर नदी का जलस्तर 131 तक पहुंच गया है। इस समय चंबल खतरे के निशान से 1 मीटर ऊपर बह रही है। चंबल नदी में वर्ष 2019 और 2022 में भयंकर बाढ़ आई थी। इस साल भी लगातार जल स्तर बढ़ने से एक बार फिर बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।

बनास बांध के 6 गेट खोले जाने से चंबल नदी का जलस्तर और अधिक बढ़ सकता है। बढ़ते हुए जलस्तर को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। प्रशासन द्वारा गांवों में मुनादी कराई जा रही है। खतरे के निशान से एक मीटर जल स्तर पहुंचने से चंबल के किनारे बसे आधा दर्जन गांवों का संपर्क मार्ग टूट गया है। बीहड और खेतों में पानी भरने से फसलों को लगातार नष्ट हो रही है। लोगों ने सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू कर दिया है।

डीएम ने किया निरीक्षण

चंबल के लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर आज जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एडिशनल पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह ने अधीनस्थों के साथ चंबल क्षेत्र का निरीक्षण किया। डीएम ने प्रभावित गांवों में स्टीमर का संचालन शुरू करने के निर्देश दिए। साथ बाढ़ चौकियों पर प्रशासनिक कर्मचारियों को तैनात करने को कहा। डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिए कि वे जलस्तर पर लगातार निगरानी रखें। बाढ के खतरे वाले गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।