
अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने गंदगी और कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर लगाई कड़ी फटकार, भविष्य में भी औचक निरीक्षण की चेतावनी
आगरा, अपने शांत स्वभाव के लिए पहचाने जाने वाले आगरा के जिलाधिकारी (DM) अरविंद मल्लप्पा बंगारी मंगलवार को जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण के दौरान कड़े तेवर में दिखाई दिए। शुरुआत में सब ठीक लगा, लेकिन जैसे ही उन्होंने महिला और पुरुष वार्डों का रुख किया, अस्पताल परिसर में फैली अव्यवस्थाएं देखकर उनकी त्योरियां चढ़ गईं। डीएम ने अस्पताल में गंदगी और सफाई कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।
गंदगी का अंबार और गायब कर्मचारी: डीएम का पारा हुआ हाई
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सबसे पहले ओपीडी, महिला व बच्चा वार्ड, इमरजेंसी वार्ड सहित सभी वार्डों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों और उनके तीमारदारों से दवाओं की उपलब्धता, बाहर से दवा खरीदने की स्थिति, भोजन की गुणवत्ता और डॉक्टरों व नर्सों द्वारा दी जा रही चिकित्सा एवं देखभाल के बारे में जानकारी ली। मरीजों और तीमारदारों ने बताया कि उन्हें समय पर उपचार और भोजन मिल रहा है, और अस्पताल से ही दवाएं भी मिल जाती हैं।
हालांकि, अस्पताल परिसर का निरीक्षण करते ही डीएम का मूड बदल गया। उन्हें विभिन्न वार्डों के बाहर कूड़े और गंदगी के ढेर मिले। विशेष रूप से, डायलिसिस भवन और प्राइवेट वार्ड बिल्डिंग के आसपास कूड़े के बड़े-बड़े ढेर देखकर डीएम भड़क उठे। उन्होंने तत्काल मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS), अस्पताल मैनेजर और सफाई सुपरवाइजर को मौके पर बुलाया।
डीएम ने तीनों से अस्पताल में गंदगी को लेकर तीखे सवाल पूछे और कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने सीएमएस को नियमित रूप से परिसर का दौरा करने और उच्च स्तरीय साफ-सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, साथ ही चेतावनी दी कि अस्पताल परिसर में कहीं भी गंदगी नहीं दिखनी चाहिए। जब अधीक्षक ने सफाई देने का प्रयास किया, तो डीएम ने तल्ख लहजे में पूछा, “क्या आपको अपनी आंखों से दिखाई नहीं दे रहा कि यहां पर गंदगी का ढेर पड़ा हुआ है?” डीएम के सख्त तेवर देखकर उनकी बोलती बंद हो गई।
सफाई कर्मचारियों की अनुपस्थिति पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
डीएम ने अस्पताल मैनेजर से सफाई कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली, जिस पर उन्हें बताया गया कि कुल 23 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी ड्यूटी विभिन्न शिफ्टों में लगाई जाती है। डीएम ने सभी कर्मचारियों को मौके पर बुलाकर उनकी गिनती कराई, तो सुपरवाइजर सहित केवल 9 सफाईकर्मी ही उपस्थित मिले।
सफाईकर्मियों की बड़ी अनुपस्थिति पर डीएम ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अनुपस्थित कर्मचारियों, सफाई एजेंसी और टेंडर प्रक्रिया के बारे में जवाब तलब किया। डीएम ने स्वास्थ्य निदेशालय को पत्र जारी कर एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी वार्डों के बाहर डस्टबिन रखने, पूरे परिसर की सफाई सुनिश्चित करने और मरीजों व तीमारदारों को अस्पताल परिसर में गंदगी न फैलाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बंदरों और आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए नगर निगम को भी निर्देशित किया।
निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव, सीएमएस डॉ. राजेंद्र कुमार, अस्पताल मैनेजर मोहित भारती, डॉ. सीपी वर्मा सहित जिला अस्पताल के अन्य डॉक्टर मौजूद थे। डीएम ने स्पष्ट किया कि वह भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण करते रहेंगे।