मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने रामजीलाल सुमन के आरोपों को नकारा, कहा- भर्तियां नगर निगम के नियमों से होंगी, किसी सांसद की मर्जी से नहीं

आगरा में सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर चल रहे विवाद में अब मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह और समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन आमने-सामने आ गए हैं। सपा सांसद के आरोपों पर पलटवार करते हुए मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने स्पष्ट किया है कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती नगर निगम के नियमों और आवश्यकताओं के अनुसार ही होगी, किसी राजनेता की दखलअंदाजी से नहीं।

सांसद रामजीलाल सुमन के गंभीर आरोप

इससे पहले, 17 जुलाई को सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने नगर निगम में धरना प्रदर्शन कर आगरा की सफाई व्यवस्था और सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो पा रही है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। सुमन ने तो यहां तक कह दिया था कि “आगरा स्मार्ट नहीं, नरक सिटी है।

उन्होंने अपनी बात के समर्थन में आंकड़े भी पेश किए:

कर्मचारियों की कमी:

सांसद सुमन के अनुसार, आगरा में जनसंख्या के हिसाब से लगभग 7,500 सफाई कर्मचारियों की आवश्यकता है, जबकि वर्तमान में केवल 4,000 कर्मचारी ही कार्यरत हैं। इसका मतलब है कि 3,500 अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तत्काल आवश्यकता है।

प्रस्ताव लंबित:

उन्होंने बताया कि पिछले साल नगर निगम ने 1,000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती का प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन अब तक एक भी कर्मचारी की भर्ती नहीं हुई है।

स्वास्थ्य जोखिम:

सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि बारिश का मौसम होने के कारण जगह-जगह जलभराव हो रहा है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने इस स्थिति के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया।

भ्रष्टाचार का आरोप:

सुमन ने खुले तौर पर नगर निगम पर बजट के “बंदरबांट” का आरोप लगाते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर मिले भारी-भरकम बजट के बावजूद शहर “नरक सिटी” बना हुआ है। उन्होंने तत्काल भर्ती की मांग की ताकि शहर को इस नरक जैसी स्थिति से मुक्ति मिल सके।

मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह का पलटवार

सपा सांसद रामजीलाल सुमन के इन आरोपों पर मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास जब कोई मुद्दा नहीं होता तो वे इस तरह के आरोप लगाते हैं।

मेयर ने सांसद सुमन को “काफी सीनियर सांसद” बताते हुए कहा कि नगर निगम आकर हमारी कार्यशैली पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया:

नगर निगम अपना काम कर रहा है:

मेयर ने कहा कि नगर निगम पूरी निष्ठा से अपना काम कर रहा है और उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना गलत है।

भर्ती प्रक्रिया स्पष्ट:

सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर मेयर ने साफ किया कि यह कोई सरकारी भर्ती नहीं है, बल्कि नगर निगम अपनी आवश्यकतानुसार भर्तियां करता है। उन्होंने दो टूक कहा, “उनके (सांसद) हिसाब से भर्तियां नहीं होंगी। हमारी सुविधा के अनुसार, नगर निगम में भर्तियां होंगी।”इस बयान के साथ, आगरा में सफाई व्यवस्था और कर्मचारी भर्ती को लेकर राजनीतिक खींचतान और तेज होने की संभावना है। देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है।