
आगरा: मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए विशेषज्ञों ने दिया महत्वपूर्ण संदेश, सैकड़ों लोगों को मिली जानकारी
आगरा, – विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर, एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा के मनोचिकित्सा विभाग ने एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं को कम करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता और समझ को बढ़ावा देना था। इस वर्ष की थीम “आत्महत्या के प्रति दृष्टिकोण बदलें, जीवन बचाएं” पर जोर दिया गया, जिससे लोगों को मानसिक संघर्ष और अवसाद के संकेतों को समझने में मदद मिल सके।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए, मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल सिन्हा ने बताया कि आत्महत्या कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं होता, बल्कि यह अक्सर लंबे समय तक चले मानसिक संघर्ष और अवसाद का परिणाम होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि हम समय रहते चेतावनी संकेतों को पहचान लें और बिना किसी झिझक के विशेषज्ञ की मदद लें, तो कई जानें बचाई जा सकती हैं। ओपीडी में आए लगभग 200 मरीजों और उनके परिजनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ उन्हें आत्महत्या के संकेतों, रोकथाम के तरीकों और समय पर सही मदद लेने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में विभाग के जूनियर रेज़िडेंट्स और इंटर्न्स जैसे डॉ. अंजनेय, डॉ. विदुषी, डॉ. नियति, डॉ. अंकुर, डॉ. राहुल, डॉ. प्रियंका, डॉ. निधि, डॉ. विशाखा, डॉ. खिंयाराम, डॉ. नगमा, और डॉ. सूरज ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने मरीजों और उनके परिवारों से सीधा संवाद करके उन्हें इस गंभीर विषय के बारे में जागरूक किया।
कार्यक्रम के अंत में, आत्महत्या की रोकथाम से संबंधित उपयोगी पैम्फलेट्स वितरित किए गए। इन पैम्फलेट्स में चेतावनी संकेतों, रोकथाम के सरल उपायों और मनोरोग विशेषज्ञों से संपर्क करने की जानकारी शामिल थी। डॉ. सिन्हा ने कार्यक्रम का समापन करते हुए कहा कि हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह अपने आसपास के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखे और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें सही सहायता लेने के लिए प्रोत्साहित करे। यह पहल मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और समाज में इस गंभीर मुद्दे के प्रति सोच बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई।