
ओखला और गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी से आगरा में बाढ़ का खतरा बढ़ा
आगरा: दिल्ली और हरियाणा के बैराजों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण आगरा में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की आशंका गहरा गई है. रविवार सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 499.11 फीट तक पहुंच गया, जो शनिवार के 498.91 फीट से अधिक है. दिल्ली के ओखला बैराज और गोकुल बैराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आज रात तक यमुना 500 फीट के स्तर को पार कर सकती है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बड़ा खतरा पैदा हो सकता है.
कैलाश महादेव मंदिर में घुसा पानी,

गांवों में पलायन शुरूबढ़ते जलस्तर का सीधा असर यमुना किनारे के गांवों और धार्मिक स्थलों पर दिखाई दे रहा है. प्रसिद्ध कैलाश महादेव मंदिर के गर्भगृह में करीब डेढ़ फुट पानी भर गया है, फिर भी श्रद्धालु घुटनों तक पानी में खड़े होकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. कैलाश गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, जिसके कारण गांव की बिजली काट दी गई है और लगभग 20 परिवार पलायन कर चुके हैं. गांव के घरों में 3 से 5 फीट तक पानी भर गया है, जिससे लोग अपनी छतों पर डेरा डालने को मजबूर हैं.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बढ़ता संकट

यमुना का जलस्तर बढ़ने से मनोहरपुर, दयालबाग के रिहायशी इलाकों और बटेश्वर में मंदिरों की शृंखला तक पानी पहुंच गया है. ताजमहल के पीछे मेहताब बाग में भी दो फुट पानी जमा हो गया है, जिससे आस-पास की कॉलोनियों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. आगरा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से अब तक 500 से अधिक लोग पलायन कर चुके हैं. जिन लोगों ने पलायन नहीं किया है, उन्हें खाने-पीने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि कुछ लोग उन तक भोजन पहुंचा रहे हैं.
फसलें तबाह, जनजीवन अस्त-व्यस्त
यमुना किनारे के गांवों में खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. कई घरों पर ताले लगे हैं क्योंकि लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घरों को छोड़कर चले गए हैं. यदि यमुना का जलस्तर और बढ़ता है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है, क्योंकि यमुना का हाई फ्लड लेवल 507 फीट है. जिला प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे रहा है.