
गणेश महोत्सव के रंग में रंगा देश, देर रात तक चली मूर्तियों की खरीदारी
देश, गणेश महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और पूरा देश इस रंग में रंगने को तैयार है। बुधवार को गणपति बप्पा को श्रद्धालु अपने घरों में विराजमान कराएंगे। इसके लिए देशभर में सैकड़ों की संख्या में भव्य पंडाल भी सजाए गए हैं। गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर मंगलवार देर रात तक बाजारों में भगवान गणेश की मूर्तियों की खरीदारी का सिलसिला चलता रहा।
‘गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के जयकारों से बुधवार को देशभर के सैकड़ों गणेश पंडाल गूंजेंगे। चारों ओर गणेश उत्सव की धूम रहेगी और कई इलाकों में विशाल गणेश मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। अपार्टमेंट्स, कॉलोनियों और मोहल्लों में गणपति पंडालों को सजाने का काम देर रात तक चलता रहा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रद्धालु गणपति को 5, 7, 9, या 11 दिनों के लिए अपने घरों में स्थापित करते हैं और फिर विधि-विधान से उनका विसर्जन करते हैं। इस वर्ष, देश में हजारों छोटे-बड़े पंडाल तैयार किए गए हैं।
इन स्थानों पर लगेंगी विशाल गणेश मूर्तियां
इस वर्ष देश के कई स्थानों पर बेहद बड़ी गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं। आगरा के बल्केश्वर के गणेश चौक पर पोला भाई ग्रुप 18वीं बार गणेश महोत्सव का आयोजन कर रहा है, जहाँ 25 फीट की विशाल गणेश मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसी तरह, सदर के नौलक्खा तांगा स्टैंड के पास श्री मंगल मूर्ति सेवा समिति 15वीं बार 24 फीट की मूर्ति की स्थापना करेगी।
मिट्टी की मूर्तियों की रही भारी मांग
गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले, बाजार में मिट्टी से बनी मूर्तियों की मांग पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की मूर्तियों से कहीं ज्यादा रही। प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण लोग मिट्टी की मूर्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जहाँ पीओपी की मूर्तियाँ ₹600 तक में बिक रही थीं, वहीं मिट्टी की मूर्तियाँ ₹4000 तक में बेची गईं। शहर में स्थित दुकानों पर गणपति की मूर्तियों को खरीदने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।