आगरा कॉलेज में वनस्पति विज्ञान के छात्रों के लिए खास कार्यक्रम: भविष्य और शोध के नए रास्ते

आगरा कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग ने आज, 26 अगस्त 2025 को, एम.एस.सी. सातवें सेमेस्टर के छात्रों के लिए एक विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को वनस्पति विज्ञान के महत्व और करियर की विशाल संभावनाओं से परिचित कराना था, खासकर आज के बदलते दौर में।

भविष्य की दिशा और शोध का महत्व

कॉलेज के उप-प्राचार्य प्रोफेसर पी. वी. झा ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा, “वनस्पति विज्ञान केवल पौधों का अध्ययन नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन, पर्यावरण और स्थायी विकास की नींव है।” उन्होंने छात्रों को इस विषय की गहराई से समझ बनाने और शोध में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी, औषधीय पौधे, पर्यावरण प्रबंधन और बायोइन्फॉर्मेटिक्स जैसे क्षेत्रों में वनस्पति विज्ञान के छात्रों के लिए अपार अवसर मौजूद हैं।

इसके बाद, प्रोफेसर जोली सिंह ने छात्रों को प्रोजेक्ट कार्य और रिसर्च मेथडोलॉजी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने जोर दिया कि छात्रों को केवल सैद्धांतिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि रिसर्च पेपर पब्लिकेशन पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि वे अकादमिक दुनिया में अपनी पहचान बना सकें।

पाठ्यक्रम और उपस्थिति पर विशेष ध्यान

कार्यक्रम में छात्रों को उनके पाठ्यक्रम, सिलेबस, प्रयोगशाला सुविधाओं और विभाग की अन्य गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम गोविंद सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि वनस्पति विज्ञान का दायरा अब पारंपरिक सीमाओं से आगे निकल चुका है और इसमें जेनेटिक इंजीनियरिंग, जलवायु परिवर्तन शोध और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे आधुनिक क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि छात्र इन नए क्षेत्रों में सक्रिय रूप से योगदान देंगे।

अंत में, यह भी स्पष्ट किया गया कि छात्रों के लिए कक्षा में 75% उपस्थिति अनिवार्य है। इससे कम उपस्थिति होने पर उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस कार्यक्रम में प्रोफेसर पी. वी. झा, प्रोफेसर जोली सिंह, प्रोफेसर ए. के. सिंह, प्रोफेसर प्रभात कुमार यादव, प्रोफेसर के. के. सिंह, डॉ. श्याम गोविंद सिंह, डॉ. सारिका यादव, डॉ. अनुराधा नेगी, डॉ. आशीष तेजस्वी और डॉ. अविनाश जैन सहित कई वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे।