
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कॉलेज में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी की नई उप-विशेषज्ञता के तहत एक जटिल केस को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है।
यह उपलब्धि प्राचार्य प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हरि सिंह के प्रयासों से संभव हो पाई है, जिससे गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज़ों के लिए नई उम्मीद जगी है।
आगरा: सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएन मेडिकल कॉलेज), आगरा के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। कॉलेज ने हाल ही में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के क्षेत्र में पहला कदम उठाते हुए एक जटिल केस को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह सफल ऑपरेशन कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर प्रशांत गुप्ता के दूरदर्शी नेतृत्व और रेडियोडायग्नोसिस विभाग के अध्यक्ष, प्रोफेसर हरि सिंह के कुशल मार्गदर्शन का परिणाम है। इस नई चिकित्सा सुविधा से अब गंभीर और जटिल बीमारियों का इलाज स्थानीय स्तर पर ही संभव हो पाएगा।
क्या था मामला?

65 वर्षीय एक महिला मरीज़, जो स्टेज-IV गॉल ब्लैडर कैंसर से पीड़ित थीं, को बहुत अधिक बिलीरुबिन स्तर (20) के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस (पीलिया) था और पहले की गई ई.आर.सी.पी. (ERCP) प्रक्रिया भी असफल हो चुकी थी। ऐसे में, तत्काल बाइलरी इंटरवेंशन (पित्त नली का उपचार) की आवश्यकता थी।
सफलता का मंत्र:
PTBD और मेटैलिक स्टेंटइस चुनौतीपूर्ण स्थिति को देखते हुए, डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने कॉलेज की कार्डियक कैथ लैब में पर्क्यूटेनियस ट्रांसहेपेटिक बाइलरी ड्रेनेज (PTBD) की प्रक्रिया को अंजाम दिया। इस तकनीक में गाइडवायर और कैथेटर का उपयोग करके पित्त नली में एक मेटैलिक स्टेंट लगाया गया, जिससे रुकावट दूर हो सके। यह प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई और ऑपरेशन के बाद मरीज़ के बिलीरुबिन स्तर में तेजी से गिरावट आई, जिससे उनकी हालत में काफी सुधार हुआ।
समर्पित टीम का योगदान
इस सफलता के पीछे एक समर्पित और कुशल टीम का योगदान रहा
डॉ. पल्लव गुप्ता: इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट, जिन्होंने इस प्रक्रिया को अंजाम दिया।
डॉ. राघव सिंघल: गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, जिन्होंने चिकित्सीय सहायता प्रदान की।
डॉ. बसंत गुप्ता: कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष, जिन्होंने कैथ लैब और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए।
डॉ. दीपक: रेडियोलॉजी विभाग के जूनियर रेज़िडेंट।
शशिकांत राजपूत: तकनीशियन, जिनकी उपस्थिति भी सराहनीय रही।
भविष्य की उम्मीदें
एसएन मेडिकल कॉलेज में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी की शुरुआत चिकित्सा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह नई सुविधा न केवल मरीज़ों को उन्नत उपचार प्रदान करेगी, बल्कि ऐसे कई अन्य जटिल मामलों में भी जीवन रक्षक साबित हो सकती है। इस उपलब्धि के साथ, कॉलेज ने चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है, जिससे आगरा और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को काफी लाभ मिलेगा।