आगरा। पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश के कारण आगरा में यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है। बुधवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया, जिसके बाद ताजमहल के पीछे बने दशहरा घाट के पास नदी का पानी स्मारक की दीवार तक आ गया। जलस्तर बढ़ने के कारण यहां सुरक्षा के लिए बनाई गई सीआईएसएफ की चौकी को भी हटाना पड़ा और श्मशान घाट पानी में डूब गया।

गोकुल बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी, प्रशासन अलर्ट

सिंचाई विभाग के अनुसार, यमुना का जलस्तर बुधवार को चेतावनी स्तर 495 फीट पर पहुंच गया। गोकुल बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर के खतरे के निशान 499 फीट तक पहुंचने की आशंका है। मंगलवार को गोकुल बैराज से 87,079 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसका असर अब आगरा में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। जिला प्रशासन ने शहर से लेकर देहात के लगभग 40 गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है। कैलाश, बल्केश्वर, हाथी घाट और दशहरा घाट की सीढ़ियां पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। लोगों को घाटों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा

प्रशासन ने सदर, फतेहाबाद और बाह तहसील में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं। सदर तहसील में तनौरा, नूरपुर, कैलाश, मोती महल और रामबाग बस्ती जैसे क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं, जबकि फतेहाबाद में भरापुर, बमरौली और हिमायूपुर जैसे गांवों में बाढ़ का खतरा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए एक 24 घंटे संचालित कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है, जिसका नंबर 0562-2260550 और 09458095419 है। नगर निगम भी अलर्ट पर है और प्रमुख घाटों पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर जलस्तर पर लगातार निगरानी रख रहा है।

घाटों पर स्थिति

ताजमहल के पीछे: दशहरा घाट की सीढ़ियां पूरी तरह डूब गई हैं और यमुना का पानी ताजमहल की दीवार तक आ गया है। लोगों को आगे जाने से रोकने के लिए रस्सी बांधी गई है।

बल्केश्वर घाट: यहां स्थित काली भैरो मंदिर का प्लेटफार्म पूरी तरह पानी में डूब गया है और पूजा-पाठ रोक दी गई है।

कैलाश घाट: इस प्रमुख घाट की सीढ़ियां भी जलमग्न हो गई हैं। लोगों को नदी की तरफ जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गई है।